कविता (मुक्तक) लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैंसभी दिखाएं
मुझसे लड़ना है तो बेशक लड़ ले I Must Fight Poem
भीड़ में वही चलते हैं
जब जमाना नहीं सुनें तुम्हारी बात
आज़मा कर देखते एक बार
फूल
अपनों के बीच में
जब प्यार तुम्हें हो जाएगा
आजकल के हैसियत वाले
शून्य से फिर कोई आएगा
दिक्कत यही है,,,
रिश्तों में
बदल गए है पुराने वक्त अब धीरे-धीरे
उजड़े हुए दिल है लेकिन फिर से बसेंगे
मुश्किल से मिले दो पल मैं लाया हूं
रहना सदा है अब मौन
आलोचना करना सहज है It's Easy to Criticize
चलों ! दीया जलाएं अपने दिल के पास में
बड़े हसीन थे वो दिन भी बचपन के
मेरी भी छोटी सी बात मान जाइए
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