दोस्ती पर दो शब्द Friendship-on-two-word-article-hindi

Friendship-on-two-word-article-hindi दोस्ती बहुमूल्य रिश्ता है । जो मुश्किल से मिलता है । यूं तो दोस्त हर किसी का होता है । मगर सच्चा दोस्त कम ही मिलते हैं । जो जरूरत और चाहत को समझें । जो एक साया की तरह साथ रहे । जो दोस्त कि उन्नति में सहायक और खुश हो ।ऐसे दोस्त बहुत कम ही मिलते हैं । आजकल के जमाने में तो और मुश्किल है । मतलब के सब रिश्ते बनाते हैं । पढ़िए दोस्ती पर लेख 

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दोस्ती हमेशा हमउम्र के साथ करना चाहिए । ताकि संवेदना, भावनाएं और विचार मिलते रहे ।हमउम्र से की गई दोस्ती में निरंतरता और तारतम्यता ज्यादा दिखाई देती है । समझ और  चाहत सामान्य स्तर का होता है ।शोक से लेकर शारीरिक अहसास एक समान होता है । अपने से भिन्न उम्र के लोगों से दोस्ती में संतुलन बनाए रखना कठिन है क्योंकि उम्र के साथ अहसास अलग — अलग होता है ।वो अपनी चाहत बताएंगे।  भिन्न उम्र के लोग अपनी । जिससे तालमेल बिठाने में मुश्किल होगी  

दोस्तों की स्थिति समान होनी चाहिए -

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दोस्ती में यह भी ध्यान देना चाहिए कि दोनों की स्थिति समान होना चाहिए । जैसे यदि आपकी शादी हो चुकी है और आपके दोस्त की नहीं तो उससे पारिवारिक बातें कम ही करें । खासकर के पत्नी/पति के बारे में । यदि विवाहिता अपने शारीरिक संबंधों को बताते हैं तो उसका दोस्त की कल्पना में आपके जीवन साथी की चित्र उभर कर सामने आएंगे । जिस शारीरिक रिश्तों के बारे में आप बातें कर रहे हैं । उसका रसास्वादन की कल्पना में आपके जीवन साथी होगी । जिस क्रिया को बताते हैं । उसे हू-ब-हू अपने मानसिक कल्पना में करेंगे । क्योंकि उसके पास ऐसी कोई अन्य विकल्प नहीं है । जिसकी कल्पना करें । शारीरिक रिश्तों की बातें शादीशुदा लोगों से ही की जानी चाहिए । 

दोस्ती सुन्दरता नहीं बल्कि अच्छा आचरण है- 

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दोस्ती में यह भी ध्यान देना चाहिए कि किसी की सुन्दरता से लगाव करके दोस्ती नहीं करनी चाहिए । बल्कि व्यवहार, अच्छी आदतें, और अच्छी समझ वालों से दोस्ती करनी चाहिए ।  सुन्दरता से लगाव करके दोस्ती करने वाले विचारों के न मिलने से हमेशा परेशान रहते हैं । उसकी चाहत है कि उससे दूरी बनाने की हिम्मत नहीं कर पाते हैं । जबकि सुन्दर व्यक्ति अपने आचरण से अक्सर परेशान करते हैं । ऐसी दोस्ती में दुःख ही मिलते हैं । 

ये अलग बात है कि कुछ अपवाद स्वरूप ऐसे दोस्त मिल जाएंगे । लेकिन बहुत कम ।


पल बीत जाने के बाद

दोस्ती याद आते हैं 

बिछड़ जाने के बाद

जो समझते हैं उसे सम्हाल लो

समझ आते हैं

बूरे इंसान मिलने के बाद !!!!

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- राजकपूर राजपूत''राज''

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