अधूरा प्रेम Love Incomplete Poem in Hindi

प्रेम को लोगों ने बहुत जटिल बना दिया है ।Love Incomplete  Poem in Hindi  चांद सितारों से लेकर ताजमहल तक,, खड़ा करने के वादे जुमला है । जिसने प्रेम को नहीं समझा वहीं ऐसी बातों पे उलझते रहते हैं । समझौतों के रिश्तों में बेशक यह चल सकता है लेकिन सात जन्मों के धागे एक जन्म तक पक्का है । इसकी वारंटी है । ज्यादातर सफल भी ।समझौते के रिश्तों से बेहतर ।  पढ़िए कविता अधूरा प्रेम 👇👇 

Love Incomplete  Poem in Hindi

(१)

 मेरे चाहने से कोई मेरा नहीं हो जाता है 

जब तक कोई मुझे न चाहें 

प्यार नहीं मिलता है 

किसी को 

चाहने बस से अधिकार नहीं मिलता है 

एक प्रेमी की तरह 

जिससे आश्वासन ले सकें 

एक उम्रभर के लिए 

एक साथी की तरह 

साथ चल सके 

छाया की तरह 

प्रेम में आश्वासन तभी मिलता है 

जब भरोसा जीतता है 

कोई दिल 

 तब तक तुम्हें 

चाहने का हक़ है

प्रेम पाने का नहीं  !!!

(२)

किसी के कहने पर 

मैं किसी को चाह नहीं सकता हूॅं 

कोई ताजमहल को

प्रेम का प्रतीक मान सकते हैं

कोई किसी को मुमताज कह सकता है

खुद को बादशाह

लेकिन मैं नहीं मानता हूॅं

कि मेरा प्रेम ऐसा है

किसी का तुलनात्मक

प्रेम नहीं हो सकता है 

 इससे प्रेम कठिन हो जाता है

दो-चार प्रेमिकाओं के बाद भला

कोई कैसे प्रेम का समर्पण करता है

खुद को

प्रेम का प्रतिमान के रूप में

ऐसा प्रेम समझौतों के रिश्तों द्वारा

बनाया गया है !!!

(३)

मेरे रोने पर

तुम्हारा हंस देना

मेरे गिर जाने पर

तुम्हारी आह न निकलना 

लोग मेरे पीठ पीछे

मेरी बुराई करते रहे

और तुम भी उसमें शामिल हो कर

सुनते रहे

तुम्हारी इस तरह उपस्थिति

हमारे कमजोर रिश्तों का प्रदर्शन है !!!

(४)

जितनी भूख नहीं उतनी बताया जाता है

सियासी बुद्धि ये हर पल डराया जाता है

जितनी समझ नहीं उतनी समझाया जाता है

लोग पीएंगे शराब लेकिन गरीबी दिखाया जाता है

अक्ल के प्यादे को सरकार से शिकायत है

अपनी कामजोरी सबको सिखाया जाता है 

(५)

जो मुफ्त खाते पीते हैं उनका भी अपना तर्क है

न समझाओं कामचोरों को जीने जीने में फर्क है

खुद्दारी, ईमानदारी, स्वाभिमान देश के प्रति कैसा

देश हित की सोच नहीं पेट भरने से मतलब का तर्क है 

(६)

बहसें वहीं होती है

आरोप वहीं होते हैं

जहां प्रेम नहीं होते हैं 

अत्यधिक शिकायत

नापसंद है

अपने शर्तों को मनवाने की ज़िद करते हैं !!


लोग नहीं भुलना चाहते हैं

नफरतों को

हालांकि प्रेम की बातें करते हैं

लेकिन ठहरते नहीं है

प्रेम में

जितना ध्यान, ज्ञान रखते हैं

नफरतों का

उतना हृदय में जगह नहीं देते हैं

प्रेम का 

बहुत सरल है समझना

नफ़रत को 

प्रेम कठिन लगता है !!!

मैंने जब से जाना है

तेरा इरादा 

तुम मुझे लगते हो

मतलबी ज्यादा 

हालांकि तुम छूपा लेते हो

मीठी बातों से

लेकिन जब जरूरत होगी

आ जाएगी

तेरी असलियत सामने !!!


प्रेम एक ऐसी चीज है

जिसे हम चाहते हैं

वो किसी और को चाहते हैं

इसलिए हम कभी एक न हुए !!!


सीमा हैदर प्यार का पैगाम है

तो प्यार का क्या नाम है

इश्क़ लड़ाओ दो चार से

एक से मन नहीं भरा तो सीमा पार से

यही इश्क की पहचान है

तो घातक है इस संसार से

न वफादारी की उम्मीद करो यारों

जब मन लगे तो इश्क किसी 

और से  !!!


जब तुम्हें महसूस नहीं हुआ

मेरा दर्द, मेरी पीड़ा

और तुम कहें

मैं तुम्हें चाहता हूं

मैं समझ गया कि

तुम मतलब में हो !!!


इन्हें भी पढ़ें 👉 मेरी कविता 

Love Incomplete  Poem in Hindi


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