हमारे निस्वार्थ सेवा और कर्म दूसरों का स्वार्थ पूर्ति का कारण है

 हमारे निस्वार्थ सेवा या कर्म दूसरों के स्वार्थ पूर्ति का कारण बन जाता है ।second-our-selfless-service-The-reason-for-fulfilling-the-selfishness-of-others-is-my-song-literature-life- जब हम किसी से यह अपेक्षा नहीं कर पाते हैं कि स्वार्थी व्यक्ति भी उतने ही कर्म करें जितना हम । यदि हम अपने कर्मों तक संतुष्ट हैं तो स्वार्थी आदमी को कोई टोकने, रोकने वाले नहीं होने से अपने व्यवहार की पुनरावृत्ति के कारण आदत में शामिल कर लेते हैं । 

हमारी यही जिम्मेदारी हमें अधिक कर्म करने का भार देता है । जबकि स्वार्थी व्यक्ति को छूट । 

second-our-selfless-service-The-reason-for-fulfilling-the-selfishness-of-others-is-my-song-literature-life

एक समझदार व्यक्ति (जो सब कुछ समझता है, क्या कहने से क्या असर होगा) बहुत सोच समझ कर बोलते हैं । जिसके वजह से जल्दी किसी के हृदय दुखने की बात नहीं करते हैं । जबकि एक नासमझ व्यक्ति कुछ भी कह जाता है । सबसे पहले तो अपने हक़ की बात बहुत आसानी से कहते हैं । किसी के हृदय दुखे या रूठे , उसे कोई मतलब नहीं है । ऐसे व्यक्ति कठोरता से अपनी बात रखते हैं ।  जिससे समझदार व्यक्ति समझते हैं । जो कुछ हद तक डरते हैं । उसकी नाराजगी और हठधर्मिता की तुष्टिकरण करते हैं ।  हमारी इसी समझदारी की वजह से मुर्ख व्यक्ति अपनी सीमा लांघते रहते हैं ।  जो लम्बे समय के बाद एक समझदार व्यक्ति थकने लगता है जो उसके अच्छे कर्म का नतीजा है ।
माना ये सोच गलत है कि किसी के प्रत्युत्तर में ही क्रिया करना । लेकिन आजकल के लोग ऐसे गुणों को स्वार्थ पूर्ति का साधन बना लिए हैं । 


हमारे निस्वार्थ सेवा

दूसरों का मेवा
जब चाहे फायदा उठाएं
मौके चालाक लोगों को देवा !!!!

किसी को अत्यधिक चाहना है
खुद को खोना है
जिस दिन हिसाब मांगोगे
हारोगे
अपने प्रेम को !!!!

अभी तो शुरुआत की है
समझना उसे
मोहब्बत कुछ ठहरा है
मैं देख पा रहा हूं
उसमें कमी बहुत कुछ !!!!

उसे देखकर
प्यार आया है
लेकिन समझकर
पछताया है
किसी की उम्मीद
अपनी हो गई
हमें मोहब्बत हो गई
जो लायक नहीं था
कभी !!!!

इन्हें भी पढ़ें 👉 हमारी जिंदगी में 


 
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ