Meaning-of-conscious-element-in-hindi-article-spiritual चेतन तत्व,, सूक्ष्म से सूक्ष्म है ।
इतने कि उसके भीतर बाहर आसानी से हर दृश्य वस्तु समाहित है । हर कोने तक पहुंच है । जिसके वजह से ही ऊर्जा मिलती है और दृश्य और अदृश्य शक्तियां गतिशील है ।
हमारे शरीर में भी उसके अंश ही मौजूद है । जिसके फलस्वरूप हम क्रियाशील है । उस चेतन अंश का प्रतिफल है जो हमें " मैं " पन का आभास होता है ।" मैं " पन इंद्रियों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है । जिसमें बंधकर अपने अस्तित्व का आभास करते हैं । जबकि हम उस परमात्मा के अंश है ।
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जैसे आकाश का विस्तार अनंत है । हर जगह है । बस आकाश में ही सभी ग्रह नक्षत्र स्थित है । ठीक उसी तरह उस चेतन तत्व में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड स्थित है ।
हमारी दृष्टि हमारी माया में उलझी रहती है । जिसे हमने बनाया है या समाज ने बताया है । उसे ही स्वीकार किए हैं । हमारी इंद्री और हमारा मन इन्हीं के इर्द गिर्द सुख/दुःख का अहसास करते हैं । जहां से हमारी दृष्टि निकल ही नहीं पाती है और हम आत्मकेंद्रित होकर संकुचित हो जाते हैं । हमारे विषय से संबंधित बातों को आसानी से महसूस कर जाते हैं । लेकिन विषय से भिन्न बातों को तर्क से तलाशते हैं ।
जबकि उसे महसूस करने के लिए किसी तर्क की आवश्यकता नहीं है ।
चेतन तत्व हमारे भीतर ऐसे समाहित है कि हम पकड़ ही नहीं पाते हैं लेकिन हमें संचालित करते हैं । अचानक पलकों का झपकना, जैसे आंखों को निर्देशित कर दिया है और हमने वहीं क्रिया किया जो वो करवाना चाहते थे । कई डर के सामने हमारे हाथों पैरों ने हमसे बिना पुछे भगा दिया । वहां से जहां हमें खतरा महसूस हुआ । तब समझो हम जानवरों की प्रवृत्ति से क्रिया करते हैं । बस हमारे इन्द्रियां पीड़ा महसूस करते हैं । जब तक मजबूत है ।
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