शिक्षित होने का मतलब यह नहीं है कि अपने स्वार्थ के प्रति सचेत रहो ।One-such-understanding-which-everyone-needs-article-in-Hindi- शिक्षित होने का मतलब यह भी नहीं है कि केवल अपने अधिकारों को जानो और भूल जाओ अपने कर्तव्यों को । लोग को प्रेरित करो,, केवल अधिकारों के प्रति । जिसका सीधा मतलब है कि ऐसे लोग केवल स्वार्थी हैं । मतलब के लिए प्रेरित करते हैं । आंदोलन करते हैं ,,,अधिकारों के लिए । जिसका उदाहरण आजकल आसानी से मिल जाते हैं ।
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ऐसे लोग ही समाज के लिए घातक है । जिसने समरसता को नष्ट कर दिया है । ऐसे लोगों से सहयोग की उम्मीद तभी कर सकते हो जहां उसका भी अपना स्वार्थ हो । वर्ना ये लोग दूर से देखने वाले हैं ।
ऐसे लोग अपने सभी कार्यों को बड़ी सावधानी से करते हैं । अपने स्वार्थों को प्राथमिकता के आधार पर बांटे हुए हैं । ऐसे लोगों में पहले अहमियत खुद की होती है । उसके बाद समाज की । जहां स्वार्थ पूर्ति में टकराव की स्थिति निर्मित होती है वहां अपने लिए पहले रास्ता निकालने का प्रयास होता है । उसके बाद समाज के बारे में सोचते हैं । ऐसा नहीं है कि पुरे समाज को अहमियत देते हैं । पहले खुद की,, फिर अपने ही बिरादरी की ।
शिक्षित होने का मतलब
यह भी नहीं है कि दुसरो की केवल बुराई देखो और आलोचना करते जाओ । जब तक एक सिक्के के दोनों पहलुओं पर नज़र नहीं जाती है । तब तक खुद को बुद्धिजीवी मानने का दावा करना दोगलापन है । केवल बुराई बताने वाले एक समूह या व्यक्ति से नफ़रत को ही जताते हैं,,बताते हैं । इनकी बातें छोटी सी बुराई को बड़ी बनाकर दिखाना है । जबकि वो खुद बुराई का भंडार है । लेकिन उसे अपने तर्कों से ढकते है ।
शिक्षित होने का मतलब है कि आपमें एक ऐसी समझ विकसित हो गई है । जो समाज व व्यक्ति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं । जो उचित और अनुचित का निर्णय करने में सक्षम होते हैं । जहां निर्णय लेने में देरी न हो । एक ऐसी क्षमताएं जो आपके जीवन को संतुलित और गतिशील बनाए रखें । दुनिया के उलझाने के बावजूद !!!!!
शिक्षित होने का मतलब यह नहीं है कि कोई तुम्हें बुरा कहे और तुम मान लो । कोई हंसी उड़ाए और तुम थक जाओ । पहले उसकी समझ देखो । उसके इरादे देखो ।
फिर समझ जाओगे कि सच क्या है ! वो आदमी कितना गिरा हुआ है । कितना सुधारक है । सब सामने आ जाएगा ।
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