जीवन में नैतिकता का बहुत महत्तव है ।Todays-Society-and-Moral-Education जहाँ गलतियाँ स्वीकार करने की क्षमता है ।जहाँ सच को स्वीकारने में हिचक नहीं है ।छोटा- बडा़ का भान नहीं है ।वहाँ हर समस्या का हल है ।जिंदगी में विश्वास स्थिरता है । समाज में परस्पर सहयोग की भावना स्थापित होती है । संबंधों में मघुरता बनी रहती है ।लेकिन दुर्भाग्य है ।
Todays-Society-and-Moral-Education
बौद्धिक क्षमताओं और सुविधाओं के कारण लोग होशियारी दिखाते है और गलतियों को परस्पर एक दूसरे पर थोपते हैं । जिसके कारण मतभेद पैदा होते हैं । सच्चाई थकती है । विश्वास टूटते हैं ।जिससे समाज और व्यक्ति आपस में लड़ते हैं । अपनी गलतियों को झूठ से ढकते हैं । जिससे समाज और उलझते हैं । वहाँ पुरा समाज थक जाते हैं ।
जिस समाज में नैतिकता केवल बोलचाल की भाषा है ।वहाँ समाज ज्यादा बिखरा हुआ होता है । नैतिकता की कमी ही है कि लोगों का विश्वास एक दूसरे पर नहीं दिखते हैं । न जाने कब लोग रंग बदल जाए भरोसा नहीं ।गिरगिट की तरह ।
वैसे तो सोशल मीडिया पर आकर लोग बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन उसको अमल करने की जिम्मेदारी दूसरों पर थोपते हैं । सोशल मीडिया एक ऐसी जगह है जहां आप स्वयं उपस्थित न हो कर कुछ भी बातें कर सकते हैं । नैतिक मूल्यों का दबाव नहीं रहता है । इसलिए अपने ज्ञान का अहंकार को प्रस्तुत करने का सबसे बढ़िया जगह बन गई है । लोग ज्यादातर सियासी ढंग से रखते हैं । किसी की आलोचना सुधार की भावना से न हो कर नफरती होती है ।
लोग ज्ञान की बातों में अभ्यस्त है । जिसके कारण उदासीनता दिखाते हैं । ऐसे महसूस कर लेते हैं मानों वो जानता है । जबकि ठीक विपरीत सियासी ज्ञान भावनाओं को आंदोलित करते हैं । जिसके कारण सबका ध्यान खींचता है । जिसे सुनना सबकी जिम्मेदारी है । इसलिए लोग ज्ञान की बातें सोशल मीडिया से सीखते हैं । जो ज्यादातर समय व्यतीत करने के लिए होता है । जिसे मानने के लिए कोई बाध्य नहीं है ।
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