तुम हो इसलिए poem-on-love

 poem-on-love- जो प्रेम में होते हैं । उसे हर पल खुशियां होती है । चाहे जहां भी चले जाय । उसके अहसासो में शामिल होता है - प्रेम । जीने का आसरा - प्रेम है । तो चुनौतियों और कष्टों को सहने की शक्ति देता है - प्रेम । सारी दुनिया ऐसी लगता है कि अपनी है । प्रेम में जीने वाले लोगों को फुर्सत होता है, किसी की शिकायत करने की । प्रेम वो धून है -एक बार चढ़ने के बाद छूटते नहीं है । 

प्रस्तुत है प्रेम पर कविता हिन्दी में 👇👇

poem-on-love

तुम हो इसलिए

मुझे लगता है कि
ये सारी दुनिया रंगीन है
तुम हो इसलिए
मुझे लगता है
ये सारी दुनिया मेरी है
जहां भी जाऊं
वहां तुझे पाऊं
हरी भरी पहाड़ियों पे
कल-कल झरनों से
धीमी-धीमी बहती हवाओं से
मेरा मन
तुझे स्पर्श कर जाता है
इसलिए मेरी उम्मीद जगी रहती है
तुम हो मेरे पास
यही कहीं
मेरे प्रेम के घेरे के भीतर
मुझे सुरक्षित भावनाएं देकर
तुम हो मेरी सांसों में
मेरे प्राणवायु की तरह
मेरे जीवन की तरह
तुम हो इसलिए
मेरा विश्वास जिंदा है
जिससे मैं भी !!!

तुम हो इसलिए

कोई कमी नहीं है
तुम्हारे बिना
मेरा ये आसमान नहीं है
ये ज़मीं नहीं है
मैं सांस लेता हूं
तेरी आहट आती है
मेरे जिस्म में
रौशनी फैल जाती है
तेरे बिन
दुनिया सही नहीं है
तुम हो इसलिए
कोई कमी नहीं है
चले जाओगे
फिर न आओगे
मेरी जीना
मौत से कम नहीं है !!!
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तुम हो इसलिए


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