फैसला -अति या कम faisla Kavita Hindi

Faisla-hi-jivan-ka-hausla-hai. - फैसला किसी भी बातों पर करना बहुत कठिन है । किसी भी बातों की सीमा कहां तक है । कहां तक कहीं जाएं । कोई बात । इस बात का फैसला करना बहुत मुश्किल है । लोग भूल जाते हैं , अपनी सीमाओं को । जिससे कब किसी का दिल टूट जाता है । उसे महसूस नहीं हो पाता है । पढ़िए इस पर कविता 👇👇 

स्वार्थी बुद्धि

Faisla hi hausla hai 


 अति और कम के बीच

फंस जाती है
समझदारी
जीने की प्रवृत्ति
भूल जाते हैं
वो तौर तरीके
जो ज़रूरी है
किसी भी
दो वस्तुओं के बीच में
संबंध स्थापित करने के लिए

और समझदारी की भूल
जीवन की चूक हैं
जो असंतुलन की
उत्पत्ति का मुल है
जो समझदारी को छोड़कर
आंदोलित और गतिरोध उत्पन्न करता है
दो वस्तुओं के बीच में !!!!!

Faisla - संयम का 


खुद को संयमित करना
दो कदम पीछे
और
दो कदम आगे करना 
विचार की उत्पत्ति है
जहां निर्णय
परिस्थितियों का आंकलन करता है

बिना परिस्थितियों का आंकलन करना
और आगे बढ़ना
एक दिन मुर्खता को
परिभाषित करेंगे
हर किसी का निर्णय !!!!

मनुष्यों ने धर्म बनाया
मनुष्यों ने मज़हब, पंथ बनाया
उसे सजाया
जीवन की बेहतरी के लिए
कुछ पंथ सीमट कर रह गया
सियासत में
स्वयं के समूहों के सिवा सोच न पाया
खुद को कट्टर बनाया 
कुछ उदार होकर
सम्पूर्ण जीवन
सम्पूर्ण सृष्टि को अनुभूति की
अहसास किया
अपने जैसे
उदार होकर चिंतन किया
नयापन को स्वीकारा
असामयिक विचारों को छोड़ कर
सियासी पंथ ने
इसके कमजोरी मानी
अपनी कट्टरता को सही मानी
गतिरोध जारी रहा
इस तरह धर्म बनाकर
आपस में लड़ने का जरिया बना डाला !!!!


Faisla-hi-jivan-ka-hausla-hai

 





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