Ravan-fir-aayenge-ram-ke-hatho-marene .- रावण का आना जाना लगा रहता है । फर्क यही है कि वो दस सिर के थे । लेकिन आजकल का रावण एक सिर का है । कल का रावण और आज का रावण में कोई अंतर नहीं है । क्योंकि रावण कल भी राम का विरोध करते थे और आज का भी । कल का रावण भी अहंकारी था और आज भी । अपने विद्वत्ता पर घमंड ही असल का रावण है । जिसमें आज भी है । वहीं असली बहरूपिए - रावण है ।
Ravan-fir-aayenge-ram-ke-hatho-marene-Ravan
फिर आएंगे
वो फिर आएंगे
हिन्दूओं के पर्व पर
एक नकारात्मक सोच रखकर
जिसे किसी बुद्धिजीवी वर्ग जैसे
प्रस्तुत करेंगे
जैसा वो सब कुछ में आदर्श है
एक बेहतरीन सोच
जिसकी जरूरत नहीं है
आतंकवादियो को
रावण कहने की !
रावण फिर आएंगे
देख रावण तेरी लंका जल गई
तू विद्वान था मगर लंका जल गई
न संभाल सके खुद के अहंकार को
राम के एक बाण से लंका जल गई
तुझे दंभ भरने की आदत थी ज्ञान की
अंहकार न छूटा और लंका जल गई
तेरे चाहने वाले आज भी जिंदा है
तेरे जैसे अहंकारी और लंका जल गई
राम को छोटा समझे खुद को बड़ा
तुझे भगवान उसकी भी लंका जल गई !!!!!
रावण फिर आएंगे अपने ज्ञान के अहंकार में
रावण फिर आएंगे अपने ज्ञान के अहंकार में
खिल्ली उठाएंगे अच्छों की इस संसार में
जो समस्या है उसे कुछ नहीं कह पाएंगे
जो अच्छे हैं उसे ही रोज सिखाएंगे
जो जीते हैं अपनी दुनिया में
वो क्या कभी राम बन पाएंगे !!!
रावण फिर जिंदा होगा
रावण फिर जिंदा होगा
ज्ञान के अहंकार में
हिन्दू धर्म की बुराई करने
हमारे इर्द गिर्द में !!!!
रावण फिर आएंगे
लेकिन तुम पहचान नहीं पाओगे
चेहरा वही जो आदमी का
ज्ञान ऐसा सुनकर
हैरान रह जाओगे
रावण फिर आएंगे
लेकिन तुम पहचान नहीं पाओगे !!!
रावण फिर आएंगे
जिस तरह से
स्टालिन के बेटे आए हैं
अहंकार में
सत्ता पे
और राम फिर आएंगे
उसका नाश करने !!!
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