समझ का निर्माण अनुभव के द्वारा होता है ।article at the cost of understanding जितनी समझ होगी,, अनंत गहराई की अनुभूति होगी । सुकून भी हो सकता है । दुःख भी हो सकता है । ये समझ पर निर्भर करता है । कितने सकारात्मक व नकारात्मक सोच का प्रभाव है । जिससे समझ विकसित हुई है ।
article at the cost of understanding
एक बार समझ का निर्माण हो जाने पर अक्सर लोग उसी दृष्टिकोण से आंकते हैं । झांकते हैं । जहाॅ तक समझ है । एक नजरिया तत्काल आंकलन कर उसके प्रति सोच, निर्णय,का निर्माण कर लेते हैं । अक्सर ऐसी स्थिति में हमारी-आपकी समझ, नफ़रत या प्रेम के आधार पर बंट जाते हैं । किसी की सोच में खड़े हो जाते हैं । जिसकी संवेदनाएं हमें निष्पक्ष होने नहीं देते हैं । विचारों की लड़ाई यही से शुरू हो जाती है । दो धड़ों में ।
बहुत कम ही लोग होंगे जो खुद को निष्पक्ष रख सके । खासकर आजकल के जमाने में । जहां हर लोगों की समझ स्वयं के हितों के प्रति सजग है । जहां हितों का टकराव दिखाई देते हैं । वहीं आपके विरोध दिखाई देते हैं । कोई नेक इरादे नहीं । अच्छे बुरे से मतलब नहीं हैं । विरोध के हर बोल में स्वयं का लाभ है । जबकि समझ आपकी उलझनों को सुलझाते हैं । क्योंकि ये बुद्धि से विकसित होते हैं । जितने व्यापक समझ होगी उतनी ही जल्दी निर्णय की क्षमता होगी ।
निर्णय की क्षमता कशमकश को तत्काल समाप्त कर देते हैं । क्योंकि हमारी समझ किसी समस्या के आगे पीछे का करण,,कारक,हल को अपने दृष्टिकोण में आसानी से स्वीकार कर लेते हैं ।
इसलिए कहा जा सकता है कि हमारी समझ ही हमारे जीवन को सुगम,, सुखमय बनाते हैं । इसे बढ़ाते रहिए !!!!!
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2 टिप्पणियाँ
बेहतरीन 👌
जवाब देंहटाएंधन्यवाद 🙏
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