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मेरी बेचैनी में तुम थे
बसती है तस्वीर तेरी
समझाया ना पाया खुद को
मंजिल मिले मगर दिल को सुकून नहीं
तेरे बिना
तुम्हें भी हवा लग गई है Afavaaho ka gyaan
जिंदगी मेरी
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