Selfish Relationship Poem Hindi
- आजकल के रिश्ते एक दिखावा है । जिसे छुपाए हुए हैं सभी लोग । कुछ चतुराई बुद्धि से कुछ व्यवहार से । केवल संबंध होने से रिश्ते नहीं बनते हैं । उसके लिए त्याग की जरूरत होती है । जो हर कोई कर नहीं पाता है । रिश्ता तो एक व्यापारी का भी होता है एक ग्राहक से । लेकिन प्रेम नहीं होता है । उस रिश्ते में । केवल व्यवहार व्यापार करने के लिए ।
कविता हिन्दी में 👇👇
Selfish Relationship Poem Hindi
आधी दोस्ती
आधा प्यार
अधुरा है
जो कभी भी छोड़ सकता है
बीच राह पर !!!
जिसने व्यवहार में
संबंध स्थापित करके
दोस्ती का नाम दिया है
जबकि अपना प्यार छुपा दिया है
वो धोखा ही दे रहा है !!!
मतलब के रिश्ते
अपने मतलब पर
हर कोई रिश्ता जोड़ लेता है
जब तक अनुकूल हो
नाता जोड़ लेता है
लेकिन जब विपरीत परिस्थिति हो
मुंह मोड़ लेता है !!!
आजकल रिश्ता एक दिखावा
कहने में क्या है
सब अच्छे हैं
फर्क तब दिखता है
जब चुनाव करना पड़ता है
दो रिश्तों में
एक का !!!!
सबसे अच्छा बनने का तरीका
मतलब निकालने का बेहतर उपाय है !!!
बस साथ रहने से कुछ नहीं होता है
साथ निभाना पड़ता है !!!
2 टिप्पणियाँ
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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