Prem Kya Hai | प्रेम क्या है loves-poems-on-hindi-best-kavita.

loves-poems-on-hindi-best-kavita. प्रेम एक त्याग है । जिसमें स्वार्थ की कोई गुंजाइश नहीं है । जो स्वार्थ की पूर्ति करता है । वो कभी प्रेम नहीं कर सकता है । प्रेम सदा देना जानता है लेना नहीं ।अगर कुछ मांगता है तो प्रेम व्यापार है !  परंतु वर्तमान समय में लोग प्रेम का मतलब भूलकर स्वार्थ में लगे हैं । प्रेम पर कविता पढ़िए 👇

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प्रेम सौदेबाजी नहीं होती है 


 व्यापार करना जान गए हो तो

प्रेम करना भूल गए हो

वर्ना 

याद रख 

प्यार में

सौदेबाजी नहीं होती है !!

कह देना

क्योंकि प्रेम करने वाले

जब से इंसान बोलना सीख गए हैं

उसकी सभ्यता दिख गई है 

लोगों ने समझा

जानकार हैं दुनिया की 

जिसकी जरूरत है

इसलिए ध्यान से सुनने लगा

उसके पीछे चलने लगा 

मगर याद रखना 

जो जितना बोलता है

बेहतर वक्ता हो सकता है

प्रेमी नहीं

क्योंकि प्रेम करने वाले

अक्सर चुप रहा करते हैं 

जिसकी अभिव्यक्ति

जीभ नहीं

आंखें हैं 

और वक्ता पर ध्यान रहे

जो जितना ज्यादा बोलता है

उतना ही ज्यादा भूलता है

अपने अहसासो को

अपनी बातों को 

जबकि प्रेम 

सजोता है

अपनी यादों को

उसके अहसासो को

एक एक शब्द

याद रखा जाता है 

दूसरों का ध्यान नहीं रखा जाता है

प्रेम में !!!

प्रेम क्या है 

प्रेम कुछ नहीं 

बस पसंद करिए 

एकतरफा 

प्रेम कभी माँगता नहीं कुछ !!

इन्हें भी पढ़े अधुरा प्रेम कविता 

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