हर समस्या के भीतर ही समाधान है ।Samadhan-samasya-se-smadhan-niklega कोशिश कीजिए की समस्या की पहचान हो । एक बार समस्या की पहचान हो जाने के बाद तो फिर लगने लगता है कि कोई भी समस्या बहुत भारी नहीं है । हर समस्या से निपटा जा सकता है । जरूर है बस इतनी सी कि समस्या की पहचान कर उससे लड़ा जाय । न कि भागा जाय । अगर पहचान नहीं करना चाहते हो तो हर छोटी सी समस्या बड़ी बन जाती है ।
Samadhan-samasya-se-smadhan-niklega- Samadhan niklega -
जरूर समस्या में समाधान निकलेगा
इसी गली में उसका मकान निकलेगा
मुसीबतों से जो जुझ रहे हैं याद रखें
कोशिशें करने से सारा जहान निकलेगा
उसके शब्द के मायने ही बताएगा चरित्र
आज नहीं तो कल कितना महान निकलेगा
वो साथ है ये बात अच्छी है मेरे लिए मगर
जब मतलब पूरा होगा तो अनजान निकलेगा
वो हमें कुछ भी कह लें कोई बुरी बात नहीं मगर
ज़रा सा मुंह खोलें 'सर क़लम' का फरमान निकलेगा
मुझे यकीन है अपनी कोशिशों में ही सफलता मिलेगी
मैं डरता तो नहीं 'राज' चाहे सर से तुफ़ान निकलेगा !!
हर समस्या का समाधान निकलेगा
इसी गली में उसका मकान निकलेगा
एक झलक दिखला कर जो गई
मेरे दिल का अरमान निकलेगा
लानत है आजकल की जिंदगी
खुद है खतरा और हर किसी से सावधान निकलेगा
आदमी बचेगा तो कितना बचेगा
अपने ही आदमी दोगलापन निकलेगा !!!
समस्या से समाधान निकलेगा
कोशिश कर अरमान निकलेगा
जलेगा जलने वाले मगर
उसके दिल से एक दिन सम्मान निकलेगा !!!!
मैं रोकूं तो रोकूं कैसे
सूरज निकलेगा आसमान से
चलना ही जीवन का सार है
सफ़र होगा आसान से !!!
बम फोड़ते आंतकवादी
गला काटते डरा हुआ आदमी
किसी ने पता नहीं की
इनकी जाती इनका धर्म
न ही इनको समस्या माना है
इस देश ने
जिस पर लिखी जाती कविताएं
द्रवित होकर
या शायद कवि का ध्यान कहीं और है
ज्ञान कहीं और है
हिन्दुओं की जाती पर
लिख रहे होंगे कविता
कवि ओजस्वी वाणी से
सुना रहे होंगे कविता
बदलाव के गीत गाते हुए
बहुत जंचता है
ऐसे कवि को
ताली भी बजता है !!!!!
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-rajkapur rajput
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