Prashn-karta-or-usaki-niyat-kavita-hindi- उठाना भी एक कला है

Prashn-karta-or-usaki-niyat-kavita-hindi- प्रश्न का अर्थ- किसी सिद्धांत या नियम जो किसी परिपाटी से संचालित है या उसके विपरीत संदेह करना । मानने से साफ़ मना करना है । उन नियमों को गलत बताना, जो अब तक चला आ रहा है । उसके विरुद्ध खड़े हो जाना । एक प्रश्न है । प्रश्न करना साहस का प्रतीक है । जिसके पास उससे बेहतर विकल्प है । जो समाज के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं । परंतु वर्तमान समय में ऐसे लोग भी हैं जो केवल स्थापित आदर्शों को क्षति पहुंचाने के लिए प्रश्न उठाते हैं । 

Prashn-karta-or-usaki-niyat-kavita-hindi-

 प्रश्न कर्ता की नीयत -


 प्रश्न उठाना भी कला है

दूसरों पे उठाओ

खुद पे नहीं

इससे लोगों का ध्यान भटकेगा

उसका ज्ञान भटकेगा

प्रश्नकर्ता नहीं

क्योंकि उसका एजेंडा

सच में फिट हो जाता है

उसमें कला है ऐसी

इसलिए ....

कभी गौतम बुद्ध पर

कभी राम पर

कभी कृष्ण पर

कभी शिव पर 

अपने काम पर नहीं

अपने चरित्र पर नहीं

देख लेना

एक अविश्वास का निर्माण करेगा

जो कमजोर है उससे ज़रूर डरेगा

प्रश्नकर्ता को बुद्धिमान मानकर 

उसका विचार बदलेगा

जबकि प्रश्नकर्ता

बेहतर समाज निर्माण में

अच्छा विकल्प देगा नहीं

क्योंकि उसे दूसरों में बुराई ढूंढनी है

खुद में नहीं

भला ऐसे में वो अच्छा इंसान कैसे बनेगा !!!!


प्रश्नकर्ता यदि

जानता है जवाब

तो प्रश्न पूछना लाजवाब

जो दे सकता है

बेहतर ख्वाब, 

बेहतर विचार

बड़ी सरलता से 

जिसे अपनाया जा सकता है

जीवन में

वर्ना कुछ लोग

प्रश्न उठाकर

उलझा देने को

महानता मान लेते हैं !!!


सवाल उठाना

शिक्षित होना मान लिया

दो चार तालियों से

खुद को

ज्ञानी मान लिया

सोशल मीडिया को देख लो

ऐसे तथाकथित ज्ञानी भरे पड़े हैं !!!


यशोधरा तुम्हें पता नहीं

आज तुम खुश हो

मेरे पति ने विश्व कल्याण के लिए

मार्ग प्रशस्त किए है

जन सामान्य के लिए

जिसके कारण सहर्ष स्वीकार किए

वन प्रस्थान के लिए

कभी शिकायत नहीं किए

लेकिन तुम्हें पता नहीं

आधुनिक काल में

लोग तुम्हें उलाहना देंगे

यही कहकर

तुमने पति की भावना के अनुरूप काम किए

अपने बारे में नहीं सोच पाई

उपेक्षित , असहाय

रही जिंदगी भर !!!!


साहित्य में सियासत लेकर आना है 

जीवन को चालाकियों से देखना है 

जहां एजेंडा, साजिश

और क़त्ल है

आतंकवादियों की तरह

विचारों का !!!

इन्हें भी पढ़ें 👉 नकारात्मक सोच 

प्रेम - एक ईश्वरीय वरदान 

-राजकपूर राजपूत 

Prashn-karta-or-usaki-niyat-kavita-hindi-
Prashn-karta-or-usaki-niyat-kavita-hindi-


Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ