हकीकत पर कविता reality poetry

.- इस दुनिया में कोई किसी का नहीं है ।reality poetry In Hindi  जितना भी है सब मतलब के हैं । मतलब बिना रिश्ता नहीं बनता है । इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है । लेकिन मतलब निकल जाने के बाद भूल जाना गलत है ।

 तुने देखा नहीं होगा । मतलबी लोग भी किसी की आशा में जीते हैं । लेकिन दुर्भाग्यवश उसने अपना मतलब सबसे कह दिया है या मतलब निकाल लिया है । जिसके कारण वे भी असंतोष रहते हैं । ऐसे बुद्धिजीवी लोग दूसरों को उपदेश, या शिकायत करते फिरते हैं । इस पर कविता हिन्दी में 👇👇

 (१)

reality poetry In Hindi 

हमारा कोई नहीं कहना

हमारा कोई नहीं कहना

अलग बात है

कभी पूछो खुद से

तुम किसके हो

तुम्हारी शिकायत दूर हो जाएगी

कभी आईने में

खुद का चेहरा देखें हो

(२)

हकीकत हकीकत है

हकीकत, हकीकत है

तुम्हारी उम्मीद ख्वाब

जिस दिन सच से सामना होगा

उठ जाएगा नकाब

उस दिन पछताओगे

जितने दिन उम्मीद में जीएं थे

पूरा का पूरा ख़राब

ख्यालों में मत सजाओं सपने

उसे कभी हकीकत पर भी उतारों !!!

(३)
तुम्हारे लिए ठीक नहीं है

हकीकत यही है

तुम्हारी नीयत ठीक नहीं है

तुमने जमाने की शिकायत

तुम्हारे लिए शिकायत ठीक नहीं है

अच्छी अच्छी बातें सबके हिस्से

तुम्हारे हिस्से ठीक नहीं है

बेहतर है दूसरों के लिए आइना

तुम्हारे लिए ठीक नहीं है

ये कहां की अच्छी बात है

सब हो होशियार तुम्हारे लिए ठीक नहीं है  !!

हकीकत और कल्पना 

हकीकत प्रेम को

जटिल बना देती है

जब तक कोरे कल्पना की जाय

चांद सितारों को तोड़कर

लाने की बात की जाय !!

मतलब 

हकीकत यही है कि लोग शिक्षित हो रहे हैं

मतलब पे जीना आ गया है

बातें कुछ भी कर लें

मगर मतलब पे टिकना आ गया है 

चंद पैसों के खातिर

बिकना आ गया है !!!

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reality poetry In Hindi


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