we-cant-say-can-have-poem-literature-life
हम कह नहीं पाते हैं
अपनी ही जिम्मेदारी में
समझदारी में
लेकिन वो कह देते हैं
बड़ी बात
बड़ी आसानी से
मेरी आस्था पर चोट
जिसकी नीयत है खोट
शायद ! उसने नहीं सीखी है
समझदारी
जिम्मेदारी
इसलिए परवाह नहीं है
उसके भीतर आह नहीं है
मुर्खता भरी है
नस- नस में
ऐसी नफरती सोच
न जाने पढ़ी है
किस किताब में
अभिव्यक्ति के नाम पर !!!!!
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बात बड़ी कहो
अच्छी कहो
सोशल मीडिया पर शेयर करो
लोग ज्ञानी समझेंगे
चरित्र कुछ भी रखो !!!
संदेश बड़ा है
जैसे ज्ञानचंद खड़ा है
स्टेटस में डाल दो
समझदार कहलाओगे
और तुम्हारा स्टेटस बनेगा
उच्च क्वालिटी का !!!
हम कह नहीं पाते
लेकिन दोगले लोग कह देते हैं
बड़ी बड़ी बाते
आसानी से
हम सोचते रहे हैं कि
कैसे अपनाएंगे
बड़ी बातों को
और वो बदल कर
ले आते
दूसरी बड़ी बात
जिसे कहना बस है
मानना दूर की बात !!!
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