स्त्री और पुरुष परिवारिक जीवन का आधार है । woman-and-man-poem जिसे कुछ लोग तोड़ने में लगे हैं । आजकल ज्ञान की बातें ऐसे लोग भी करने लगे हैं जिसने कभी रिश्तों का आदर नहीं किया है । व्यक्तिवादी सोच के कारण अपनी मर्जी और सुविधाओं के कारण हर जगह हस्तक्षेप करने लगे हैं । जिसके विचारों को कुछ लोग ज्ञान की तरह ले रहे हैं । यही वो बुद्धिजीवी वर्ग है जिसने जीवन को जंगली आचरण से जीने के लिए प्रेरित किया है । पढ़िए इस पर कविता 👇👇
woman-and-man-poem.
मैं नहीं लिखना चाहता
किसी स्त्री पर कविताएं
जिसके हर पंक्ति में
पुरूष को कोसा जाय
और स्त्री की तारीफ में
कसीदें पढ़ी जाय
जब जिंदगी
दो पहिए से चलती है तो
एक पहिए को कैसे बुरा कहा जाय !!
वास्तविकता यही है कि
एक स्त्री स्त्री है
एक पुरुष से अलग
उसकी पहचान है
जीने के अरमान है
उसे तोड़ो मत
छेड़ो मत
बस उसे सम्मान दो
अपने वास्तविक रूप में जी सकें
यही किसी स्त्री की स्वतंत्रता होनी चाहिए !!!!
लड़ाई स्त्री और पुरुष की
कभी हक की लड़ाई
कभी शोषित है बताई
ज्ञान का जब पालन हुआ
कोर्ट कचहरी तक बात आई
सन्तुलन बनाना नहीं जाना
रिश्ता निभाना नहीं जाना
समझौते वादियों ने ऐसा एजेंडा चलाया है
सबको भरमाया है
पवित्र रिश्तों को
अपनी चालाकियों से भटकाया है !!!
बहुत अच्छा लगता होगा
उन लोगों को
जिसने अपने गन्दे विचारों को
सबके सामने बहुत चालाकियों से
प्रस्तुत किया है
प्रगतिशील होने का ढोंग किया है
और स्थापित हो गए
तथाकथित बुद्धिजीवियों की तरह !!!
कभी छोटे कपड़ों का समर्थन
कभी आसुरी भोजन का
कभी खुलेआम देते हुए चुम्मा चाटी का
जंगली जीवन का जागरण करते हुए
नाईट क्लबों का
कहीं बन जाता है
जानवरों जैसी झुण्ड
जो मांग करता है
अपनी सभ्यता
जंगली जीवन शैली जैसी !!!
स्त्री के सम्मान में
इतनी कविताएं रची गई
एक संन्यासी को बुरा कहा गया
गौतम बुद्ध को बुरा कहा गया
ऐसी लिखी कविताएं
मानों वो खुद गौतम बुद्ध से बड़े हैं
उसका दर्शन !!!
कभी फुर्सत से मिला था प्यार
उनका अनोखा संसार
मगर मुझे याद नहीं
मुझे कब मिली थी
फुर्सत
जिसमें ख्वाब सजाया था मैंने
शायद !
एक बचकानी हरकत थी मेरी !!!
कपड़ों से पहचान नहीं होती है
लेकिन
पुरूष पुरा कपड़ा
और स्त्री अर्धनग्न पहनती हैं
वहां भी देखा गया है
जहां स्त्री और पुरुष
शिक्षित होने का दावा करते हैं
दावा क्या करते हैं
प्रतिनिधत्व करते हैं
सारा देश का
स्त्री को छोटे
और पुरुष को पूरा कपड़ा पहनने के लिए !!!!
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