dowry-take-or-give-poetry-hindi.
(१)
हर तलाश
इसी उम्मीद में जिंदा रहती है
कभी मिल जाएगी
और ढूंढते रहते हैं
पूरी जिंदगी
दिल में
अरमान लिए
एक लम्बे इंतजार में
(२)
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देहज लेना और देना
दोनों पाप है
जो पहले से सेटिंग करते हैं
वे महाशय या आप है !!.
दहेज व्यवहार में शामिल होकर
शिक्षित रूप में
उचित बन जाता है
शिक्षित लोगों के बीच में
जैसे रिश्वत आज चलन में है
चाय-पानी के नाम पे !!!!
अच्छे घर देखना
और अच्छी दौलत देखना
बहुत अन्तर है
देहज लेने और देने में !!!!
रिश्तों की सेटिंग
पैसों को देख कर किया जाता है
मतलब पे जिया जाता है !!!
बेटी के प्यार में तौहफा
लेने और देने की प्रक्रिया
दहेज बन गई
जब जिंद में पड़ गए
निश्चित मात्रा में मांग
दिखावटीपन में बढ़ोतरी
विवशता से बेटी की बिदाई !!!
हम सभ्य हो कर
कटते गए
प्यार के तोहफे को
कट्टरता से अपनी मर्जी चलाकर
लड़कियों को हक़ दिया
तो लड़के की कीमत कम हुई
मगर विद्रोह नहीं किए
तरीके दूसरा निकाल लिए
एक लड़का अपने वर्चस्व को स्थापित करने के लिए
अपनी स्थिति बदली
नौकरी वाले है तो
नौकरी वाली लड़की चाहिए
रिश्ते समकक्ष में खड़ा हो गया ।
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