तुम ठगे गए हो you-are-cheated-poetry-in-hindi

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 तुम ठगे गए हो

इस दुनिया में

अपने ही प्रेम में बंधकर

तुम्हारा हृदय

उसकी नफरतों को

नहीं देख पाई

अपने ही प्रेम में उलझकर

तुम ठगे गए हो


जमाने ने

अपनी नफरतों को

कभी छोड़ा नहीं

हृदय को हृदय से

कभी जोड़ा नहीं

सिर्फ नफरतें दिखा के

नफरतों का रिश्ता बना के

तुम्हें जोड़ रखा है

प्रेम को तोड़ रखा है

जिस पर

तुम्हारा ध्यान नहीं

तुम ठगे गए हो


ज़माना अपनी बातें मनवाने के लिए

अपना इरादा थोपने के लिए

कुछ नजदीकियां बढ़ाते हैं

कभी तुझे समझाते हैं

जिसे तुम

अपना मान जाते हो

अपने ही भाव में

तुम देख नहीं पाते हो

इसलिए ठगे जाते हो!!!

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तुमने दुनिया कहां देखी है 

खिड़की से झांका है 

दरवाजा खोल 

और दुनिया देख 

बहुत बड़ी है 

जहां प्रेम के बीच में 

नफ़रत सुरक्षित है 

उसके नाम लेकर 

ठगने के लिए 

प्रेम को !!!!


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