कोई जुड़ना नहीं चाहता है - मेरे गीत no-one-wants-to-join-poetry

शिक्षित होने का दावा -यह पुष्टि करने के लिए काफी है कि वह जानता है ।no-one-wants-to-join-poetry वह जानता है मतलब उसमें ज्ञान का अहंकार है । जिसने स्वयं का दर्शन बना लिया है । जिसे किसी दार्शनिक की तरह उपयोग करते हैं । रिश्तों से मतलब तक संबंध बनाना । मतलब नहीं तो दूरी बनाकर रखना । स्वयं का हित ही सर्वोपरि है । दूसरों की भावनाओं का कोई मूल्य नहीं है । पढ़िए इस पर कविता 👇

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 कोई जुड़ना नहीं चाहता है

कोई जीना नहीं चाहता है
प्रेम से
ऐसा नहीं है लोग भूल गए हैं
बस मानते नहीं कोई दिल से
प्रेम को

प्रेम वो भावना है
जिसे दिल में सजाना पड़ता है
जिसे समझाना कठिन है
एक बार बसाने के बाद
फायदे और नुकसान को
जिसे जब भी तौलते हैं लोग
अपनी बौद्धिक क्षमताओं से
नुकसान नज़र आता है
इस भौतिकवादी युग में
इसलिए दरकिनार कर दिए हैं
प्रेम को
एक कोने में
सिर्फ बोलचाल में रखकर
व्यवहार निभाते हैं लोग
मतलब निकालते हैं लोग !!!!!

प्रेम सरल था

जैसे मैं था
मैं, मैं था
लेकिन बताया कुछ और
बड़ा सा वादा किया
जैसे आसमान को झुकाना
महबूब के कदमों में
चांद सितारों को तोड़कर लाना
बहुत दुष्कर कार्य है 
लेकिन दिखावा किया
असंभव कार्यों को
करने का वादा किया
इस तरह प्रेम को कठिन ज्यादा किया !!!

कोई जुड़ना नहीं चाहता
दिल से दिल तक 
दिल्लगी का अपनी सीमा है
पागल, दीवाना नहीं बनना है
लोग मुर्ख समझेंगे
और मुर्ख नहीं कहलाना है !!!
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