जब तुम आ ही गए हो when-you-have-come-poetry

when-you-have-come-poetry 

जब तुम आ ही गए

तो ठहर जाना
मेरी प्यास तक
मेरी आस तक
जो धूमिल हो रही थी
मेरी स्मृति में
मिट रही थी
तेरी प्रतिक्षा में
कुछ शेष बची थी
जो कभी उमड़ जाती थी
मेरी तनहाई में
मेरे थकान में
जो कमी लगती थी
तुम्हारे बिना
उसे आज
पूरी कर दो
जब तुम आ ही गए हो !!!!

when-you-have-come-poetry


तुम्हारी प्रतीक्षा
मुझे नहीं लगा प्रतिक्षा
करता हूॅं
प्रतिक्षा में भी आनंद में
रहता हूॅं 
तुम प्रतिक्षा करने के लायक हो
एक दिन स्वीकारोगे
मेरी प्रतीक्षा को
और मेरे प्रेम को !!!!

कभी ऐसा नहीं लगा
तुम अलग हो
मैं अलग हूं
लगा सदा मुझे
तुम मेरे हो
जिसके साथ पाने से
जीवन सरल
और सहज होगा !!!

इन्हें भी पढ़ें 👉 शबरी के राम 
when-you-have-come-poetry


Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ