i-know-you-poetry-in-hindi
छोड़ो मुझे बहलाना
मैं तुझे जानता हूं
एक शब्द को घुमाकर कहना
मैं तुझे जानता हूं
ये विद्वत्ता की बातें
केवल दूसरे के लिए
खुद आजमाओगे नहीं
मैं तुझे जानता हूं
i-know-you-poetry-in-hindi
विश्वास वहीं मर जाता है
जिसके भीतर स्वार्थ आ जाता है
हर चीज़ों को तर्क से नहीं तौलते
बोलने से पहले कुछ तो सोचते
कहां परवाह करता है तू किसी का
मैं तुझे जानता हूं
ये दौर हो सकता है तुम जैसे लोगो के लिए
छोड़ दिए हो फ़र्ज़ केवल हक़ के लिए
अब तुझे जीना है मतलब में
मैं तुझे जानता हूं
स्वयं को सिद्ध मान चुके हो
ज़िंदा हो या मर चुके हो
कह नहीं सकता
किस हद तक गिर चुके हो
जहां मतलब है वहां जिंदा हो जाओगे
मैं तुझे जानता हूं
तेरी उदासीनता बताई है तुझे खुशी नहीं
व्यवहार है रिश्ता कोई पूंजी नहीं
करके बातें बहुत कुछ कह जाते हो
क्या खुद अपना के
बेहतर उदाहरण बन पाते हो
बस मौके के ताक में सदा रह जाते हो
मैं तुझे जानता हूं
माना तुम ईश्वर को नहीं मानते
मगर जो जानते हो उसे ही मानते
जब किसी बात में स्थिर होना नहीं
तेरा चंचल मन कभी ठहरता नहीं
मैं अच्छा हूं या बुरा मगर तुझसे अच्छा हूं
लेकिन तुम फिर भी सवाल उठाओगे
मैं तुझे जानता हूं
न तुम कोई सुधारक हो
देश और समाज के लिए घातक हो
करके आलोचना बहुत इतराते हो
खुद जुड़ पाते नहीं दूसरों को तोड़ जाते हो
नफ़रत है तेरी बातों में
अपना भूल जाते हो
मैं तुझे जानता हूं
तेरा सिध्दांत सब अपना चुके हैं
अपने लिए जीना मरना जान चुके हैं
दिल के जज्बात सब सूख चुके हैं
दिमाग में सब उलझ चुके हैं
ऐसे ही जीना तुझे पसंद है
मैं तुझे जानता हूं
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