नफरती लोग - कविता people-living-in-double-standards-potry-hindi

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 आस्था नहीं है तो

कुछ भी कह सकते हो

विश्वास नहीं है तो

कुछ भी बोल सकते हो

शब्द और अर्थ

कुछ भी निकल सकते हैं

किसी से नफ़रत हो जाए तो

प्रेम निकल के 

तुझसे दूर जा सकते हैं

लाजमी है ऐसे में 

कोई अच्छे बुरे का 

कहां फैसला कर पाएगा

जिसको भी देगा

केवल नफ़रत दे पाएगा

और यदि प्रेम है तो

आतंकवादी भी मासुम लग सकते हैं

उसकी गोली मीठी लग सकती हैं

समर्थन में ऐसे शब्द निकलते हैं

जैसे सत्य निकलते हैं

पहचान कर रखना ऐसे लोगों को

उसके भ्रष्ट इरादों को

वर्ना तोड़ देगा

ऐसे दोगले लोग !!!!

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दोगले तो सब हो गए हैं

सोशल मीडिया पर ज्ञानी हो गए हैं

ज्ञान दिए और चल दिए

हमारे लिए

अपने लिए वो जानता है सब-कुछ

ऐसा मानता है बहुत कुछ !!!!

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