that tired-man-poem-in-hindi-mere-geet-in
वो थका हुआ आदमी
वो झुका हुआ आदमी
संभलकर चलता है
जो जानता है
दुनिया का कोई भरोसा नहीं
झूठ को सच कर सकती है
और सच को झूठ
दोस्त को दुश्मन कर सकती है
दुश्मन को दोस्त
ज़ुबान का भरोसा नहीं
कब, क्या कह दें
कहने का अर्थ है
मतलब में गिर जाएगा
इसलिए वो
डरा हुआ है
इंसान को पहचानने में
चुपचाप अपने रास्ते से
आता और जाता है
किसी से नए रिश्ते बनाने की
कोशिश नहीं करता है
दुनिया से थका हुआ आदमी !!!
that tired-man-poem-in-hindi-mere-geet-in
वो थका हुआ आदमी
सदा से थका नहीं है
कभी-कभी उसे दोगले लोगों ने
थकाया
कभी-कभी सियासी पंथ ने
नचाया
कभी-कभी हंसने की कोशिश की
लेकिन मतलबी लोगों ने
रूलाया
हर सोच जो दावा किया
शिक्षित होने का
चालाकी और मतलबी होने का
सबसे ख़तरनाक सबूत था
जिसने रिश्वतखोरी को
चाय-पानी का नाम दिया
व्यवहार बना दिया
जरूरी हिस्से के रूप में
शामिल किया
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के ढोंगी लोगों ने
बड़े बड़े महान पुरूषों के विचार
अंश रूप में
प्रस्तुत किया
तर्क रूप में
फर्क प्रस्तुत किया
जिससे थका
हर व्यक्ति से
उपयोग करने की आदत से !!!!
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