मैं और मेरी कविता main-and-my-poetry-in-hindi

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 मेरी कविताएं

मुझे ले चलो
एक ऐसी दृष्टि के बीचों बीच में
शीतलता के बीच में
जहां में स्थिर रहूं
दुनिया के उलझनों से
दूर,, बहुत दूर
जहां मेरे शब्द
मेरे दर्द को सहलाए
मेरे सुकून को बढ़ाएं
जहां मैं और मेरी कविताओं के बीच
सीधा संवाद हो
मेरी खुद से मुलाकात हो
अपने शब्दों से 
मेरी भावनाओं को उभार दें
मुझे पूर्णता का आकार दें
मेरी कविता!!!

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मैंने देखा कविता, कहानी, उपन्यास 
वहीं तक ठीक लगा 
जहां लेखक थे 
पाठकों से मतलब नहीं 
पाठक इसलिए भागें 
उसे फायदा नहीं दिखा 
उसने समझदारी से काम लिया 
और राजनीति से जुड़ गए 
इसलिए नहीं कि वे नेता बनेंगे 
बल्कि इसलिए नेताओं से 
उसे फायदा होगा 
इसलिए सोशल मीडिया पर 
ज्ञान देने का धंधा को बेहतर समझा !!!!

हिसाब-किताब रखने वाले 
व्यापारी हैं 
जैसे वामपंथियों ने बताया 
रोटी 
सबसे बढ़कर है 
इसलिए सभी मुफ्तखोरी में मस्त हो गए !!!!

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