Tujhse-Koi-Gila-Shikwa-Nahi-Ghazal-Hindi
तुझसे कोई गिला शिकवा नहीं
क्योंकि तुझे मोहब्बत ही नहीं
शिकायत उसी से की जाती है
जिससे मोहब्बत की जाती है
तुम क्या जानो शिकायत में प्यार कितना है
मेरी शिकायत में दर्द कितना है
तुम्हारी उदासीनता में कोई समझदारी नहीं
तुझमें तो जीवन रसधार भी नहीं
और मोहब्बत नहीं तो
तुझमें कोई बात भी नहीं
मैं जानता हूं तुम मुझे गलत सिद्ध कर दोगे
जब चाहो तब मुझे छोड़ दोगे
यहीं संवेदनशीलता है तेरे जीवन की
आज कोई और है कल और की
मतलब में जीना है तो कोई बात नहीं
उसे कोई शिकायत नहीं मोहब्ब्त भी नहीं !!
कोई गिला नहीं कोई शिकवा नहीं
जब तक करते रहे
तुम मजबूर समझते रहे
अब न कोई बात होगी
अब न कोई मुलाकात होगी
जब तक मिलते रहे
उम्मीद बढ़ती रही !!!
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