कलयुग में न्याय ढूंढते हो Looking-for-justice-in-Kaliyuga meregeet

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 कलयुग में न्याय ढूंढते हो

बड़े अजीब हो क्या ढूंढते हो

मुर्खों का प्रशय स्थल है सोशल मीडिया

इंसान नहीं वहां ईमान ढूंढते हो

जहां मुर्खों का समुह बना है

वहां तुम समझदार ढूंढते हो

एक दिन धोखा पाओगे अपने यकीं से

गिरगिट इंसानों में पहचान ढूंढते हो

उसे फायदे से मतलब है सच से नहीं

उसके सवाल में सच ढूंढते हो

वो मुझे भी अपना समझे भरोसा नहीं

हम तो काफ़िर है और तुम खुदा ढूंढते हो

तुम्हारे लिए तेरा नजरिया बहुत बड़ा है

नफरती है फिर क्यों मुझमें प्रेम ढूंढते हो !!!!

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जो कट्टर समर्थक था

किताबों का

शिक्षित होने का

उनका दावा है

सभी शिक्षित होने के बाद

मुफ्त हो जाएंगे

रूढ़िगत विचारों से

वो आज रिश्वत को

सभ्यता के साथ

चाय-पानी का नाम देते हैं !!!!


किताबों का समर्थन करते करते

सोशल मीडिया पर ज्ञान बांटने लगे

ग्रुप बन गया एजेंडे का

कट्टर बनने लगे

एक ही विचार

स्वयं श्रेष्ठ

बाकी सबको बेकार कहने लगे

ये तेरा विचार था

किताबें अब हटाने लगे !!!!


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