जब कोई पहले से ही When-someone-already-has-poetry-in-Hindi

When-someone-already-has-poetry-in-Hindi

 जब कोई पहले से ही

किसी निर्णय पर पहुंच जाता है

चाहे सच रहे या झूठ

उसका दिल मान जाता है

पता लगाने की कोशिश नहीं होती

अंतर्निहित सत्य को

पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो जाते हैं

वहां सच और झूठ भूल जाते हैं

त्वरित निर्णय हो जाए जहां

वहां किसी की बातों को

कोई कभी सुना नहीं जाता है

सिद्ध करना है जिसे खुद को

सियासत कर जाता है

किसी की भावनाओं का ख्याल

नहीं रह जाता है

अपने स्वार्थ की पूर्ति के कारण

आदमी गिर जाता है

वहां पर इंसानियत मर चुकी है !!!!!

When-someone-already-has-poetry-in-Hindi

जब कोई पहले से ही 

पूर्वाग्रही धारणाओं से बंध जाते हैं 

आदमी मर जाते हैं 

स्वयं दूसरे के लिए 

दूसरे स्वयं के लिए 

अपनी बातों को परोस देता है 

सच रहे या झूठ 

जो कोई पहले से ही 

मान लेता है 

वहीं ठीक है 

चिंतन नष्ट कर देता है 

उसके विपरीत 

विरोध कर देता है !!!!


किसी सियासी पंथ से जुड़े हुए लोग 

खुद को साबित करने में लगे हुए लोग 

कट्टरता का मिसाल है 

ठीक अपने से भिन्न के लिए 

मुर्खता का हिसाब है 

मनवाएंगे अपनी बात 

भले ही सियासत हो 

करेंगे आघात 

सम्हल कर रहना चाहिए 

जो पहले से ही मान चुके हैं 

खुद को श्रेष्ठ 

विचार शून्य हो जाता है 

वहां !!!!


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