बस तुम्हारी बातें -कविता प्रेमPoem-of-love--on-your-words की

Poem-of-love--on-your-words

 बस तुम्हारी बातें

मुझे खुशी दे जाती है
उदासी के दिनों में
हंसी दे जाती है

मैंने तुम्हें ज्यादा नहीं चाहा
बस तेरी यादो  ने
मेरी आंखों को नमी दे जाती है

मैं रह जाता इस भीड़ में
फिर मुझे क्यों तेरे बिना
ये भीड़ कमी दे जाती है

हंसने के लिए कई बहाने हैं
जीने के हैं कई बहाने
मगर तेरे दर्द में जो बात है
मुझे उर्वरक तेरी ज़मीं दे जाती है !!

your words poetry 


तुम्हारी बातें
एक राहत है
तुम्हारी बातें
मेरी चाहत है
जो तुम्हें पसंद हो
वहीं मेरी भी आदत है
जो तेरी ज़रूरत
वहीं मेरी जरूरत है
मैं तुझसे अलग होना नहीं चाहता हूं
तेरे ख्यालों से
मेरी पूर्णता का अहसास है !!!

तुम्हारी बातें
सुकून की तरह
प्यासा मन की प्यास की तरह
बहो निरंतर
रिसते हुए
सूखी जमीन पर
उलझ उलझ कर
बहती नदी की तरह
बेशक समाधान न निकले
मगर ऊर्जा मिलती है
जीने के लिए
सूरज की रोशनी की तरह !!!!

एक शब्द में कहूं तो
तुम मेरे हो
ज्यादा कहूं तो
सबूत पेश करना है
मेरा
पुछता हुं
ज्यादा कहना
 क्या ज़रूरी है
मेरा !!!!

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