आज गौरैया दिवस है -कविता हिंदी में Poem-on-Sparrow-Day-in-Hindi

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आज गौरैया दिवस है

सोचता हूं कविता लिख दूं
इस नन्ही चिड़िया पर
अपनी संवेदनशीलता का
परिचय दें दूं
ताकि इस स्मृति दिवस को
ताज़ा कर सकूं
लोगों को बता सकूं
कभी था मेरे आंगन में
बहुतायत संख्या में
जो चहचहाते थे
कभी आंगन में
अब एक दुक्का रह गए हैं
इस संसार में
जो मानव विकास की
बलि चढ़ गई
धीर- धीरे 
जिसे आज हम
संरक्षण दे रहे हैं
मानों दया कर रहे हैं
उसकी दुनिया को
उजाड़ कर
अपनी दुनिया में से
कुछ हिस्से निकाल कर 
आज गौरैया दिवस मना रहे हैं !!!!!

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तुम गए 
घर आंगन सूना कर 
बिना बताएं चुपचाप 
तुम आए भी थे 
चुपचाप 
तुम्हारे आने जाने की 
प्रक्रिया को 
किसी ने ध्यान नहीं दिया 
आधुनिक आदमी है 
अपना विकास कर लिया 
घर ऐसे ही बनाए है 
तुलसी के लिए जगह नहीं 
सब प्लास्टिक के सजावट है 
प्राकृतिक कोई चीज नहीं है 
आधुनिक इंसान 
कृत्रिम निर्माण का आदि हो चुके हैं 
घर में कोई रौशनदान नहीं 
कोई खिड़कियां नहीं 
जिसमें तुम अपना घोंसला बनाओं 
फुदकों 
और कुहकों 
रे ! गौरैया 
अनवरत 

बस मना लेते हैं 
दिवस 
विविध प्रकार के 
जिसको खत्म कर चुके हैं 
या खत्म करने की कोशिश की है 
ताकि सभ्यता बेहतर 
प्रदर्शित हो 
और हम आधुनिक हो 

इसलिए तुम्हें शिकायत नहीं 
चुपचाप चले गए 
घर आंगन से !!!!

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राजकपूर राजपूत 
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