आजकल नफ़रत और प्यार ऐसे मिलते हैं Hate-and-love-meet-like-this-these-days-

       Hate-and-love-meet-like-this-these-days-             

  (१)

आजकल नफरत और प्यार ऐसे मिलते हैं 

जैसे आदमी मौके की ताक में मिलते हैं 

फैसला न होगा सच और झूठ का 
जितना मतलब उतना प्यार से मिलते हैं 

उसे चुनौतियों से अब डर कैसा है यारों
जिसे धोखेबाज अब रोज मिलते हैं

तर्कों और बहसों में क्या रखा है
लोग उलझे - उलझे हर बार मिलते हैं

साबित करना कोई बड़ी चीज नहीं है
रूठे और आरोप लगाकर हर बार मिलते हैं

जीते तो जीते कैसे प्यार में
तकरार में मेरी जिंदगी मिलते हैं !!

तुम्हारी आंखें 

                       (२)
 तुम्हारी झुकती आंखों में स्वीकार बहुत है
तुम जब भी लड़े और मान गए प्यार बहुत है

खुशियां पाने के लिए मुझे दुनिया नहीं चाहिए
मेरे जीने के लिए तेरी बांहों का संसार बहुत है

इस बेगैरत भरी दुनिया में मुझे क्या चाहिए
सिर्फ मुझे तेरे प्यार पे एतबार बहुत है

मैं सोचता हूॅं उसे भरोसा है मुझपर
तकरार में पछतावा हर बार बहुत है

अभी तो मोहब्बत और बढ़ेगी तुम देखना
रूठना और मनाना हर बार बहुत है 

उसकी आंखें मुझे तलाशती रहती है
ढूंढ़ लेती है जब आंखें दुलार बहुत है 

इतना तो मुझे भी यकीन है उसकी आंखों में
देखता हूॅं और सुकून तो प्यार बहुत है !!!

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