मैं समझा पाता I-could-understand-Hindi-poetry-of-love

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 मैं समझा पाता 

यदि दिल की बात
तुम नाराज़ न होते
यदि तुम समझ जाते 
मेरे दिल की बात तो
तुम मेरे पास होते
मैं असफल हूं हारा हूं
फिर भी तुझे चाहा हूं
तुम समझ जाते मेरी चाहत तो
मैं तेरा अहसास होता
तुम मेरे अहसास होते
इतना यकीन नहीं है
मुझे इस जमाने से
जितना भरोसा तुझसे है
यदि तुम वादा करो साथ रहोगे तो
मेरा हर पल खास होते !!

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हारा मैं इसलिए हारा
नहीं तुने स्वीकारा 
मुझे
जबकि बता दिया था 
तुझे
मैं प्रेम में हूॅं
और खुश हूॅं
सही/गलत से बेपरवाह

तुने मुझे
अपने जीवन के पलों में
शामिल नहीं किया
इसलिए याद नहीं किया
तुम्हारे शब्दों से
भाव की पहचान थी
मुझे !!!

मैं कहां समझ पाता

तेरे प्रेम में होने की वजह से
मुझे कुछ दिखाई नहीं देता था
न तेरी आदत न व्यवहार
प्रेम के टूटने के बाद
नफरतों के आने के बाद
तुम दिखाई दिए
साफ-साफ, स्पष्ट 
तुम्हारे दिल के भाव
और मेरा लगाव
कितना अंतर है !!!

टूटने और रूठने में अंतर है
रूठे तो मान गए
टूटे तो
तेरी जिंदगी से निकल गए !!!
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