तुम्हारे लिए मुश्किल है- कविता temperament-and-personality-poem

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 तुम्हारे लिए मुश्किल है

मुझे समझ पाना
तुम्हारी राहें अलग है
इसलिए मिल पाना
मैं जानता हूॅं
तुम्हारा ध्यान कहीं और है
बाहरी दुनिया में
जहां तुम्हें 
भौतिकता दिखाई देती है
अर्थ जगत के मायने
समझ आता है
तुम्हें भाता है
इसलिए तुम
भावनाओं की खिल्ली उड़ाते हो
अपने तर्कों से
उलझाते हो
जिसे तुम दिखा सकते हो
धन-दौलत के रूप में
बाहरी दुनिया को
बड़ी आसानी से
ललचा सकते हो
जबकि मैं
तुम्हें दिखा नहीं सकता हूॅं
और न ही समझा सकता हूॅं
किसी भौतिक चीजों की तरह
तुम्हारे सामने
मेरा अहसास
मेरी अनुभूति
जिसे मैं महसूस करता हूॅं
खुद के भीतर
जिसमें मैं जीता हूॅं
उस पूर्णता में
जहां जाकर मुझे
नहीं भाता दुनिया की बातें
क्षणभंगुर सा प्रतीत होता है
तुम्हारी भौतिक चीजें
जिससे तुम
बंधे हुए महसूस करते हो
उलझे हुए से
जबकि मैं उस सत्य के करीब 
जिसे तुम कभी
महसूस नहीं कर सकते हो
मेरे लिए जीवन का आधार है  !!!!

तुम्हारे लिए मुश्किल है 

तुम जहां तक हो
वहां तक मेरी दृष्टि पहुंच जाती है
लेकिन मैं जहां तक हूं
तुम कभी पहुंच नहीं सकते हो
शायद ! प्राथमिकताओं में शामिल नहीं है
ऐसी दृष्टि
जहां भौतिकता शून्य हो जाती है 
जबकि जीवन का सार यही है
उसके बिना जीवन कहीं नहीं है 
लेकिन तूने कभी समझा नहीं है 
इसलिए तुम्हारी दृष्टि के बस में नहीं है 
मेरा जीवन को पाना !!!
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