careful-india-article-hindi जब ज्ञान की बातें अक्सर दूसरों के लिए कहीं जाए तो समझ लेना चाहिए कि वो आदमी बहला रहा है । किसी एजेंडे के तहत काम कर रहा है । जिसे खुद अपनाना नहीं चाहता है । किसी को बहलाकर अपना उद्देश्य की पूर्ति करना चाहता है ।
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जब कोई तुम्हारी केवल बुराई गिनाए तो समझ जाना । वो तुझे थका रहा है । ऐसे में जब तुम थकावट महसूस करो तो समझ जाना । अपनी गलतियों पर ही ध्यान दें रहे हो । उसके बातों को सत्य मान रहे हो और अपराधिक बोध की वजह से थकावट महसूस हो रही है ।
जब कोई सत्य को तर्क रूप में प्रस्तुत कर रहा है । जिसे कभी वो खुद अपनाया नहीं है । तो समझ जाना वो ढोंग रच रहा है । विद्वत्ता की आड़ में स्वयं को छुपा रहा है । ऐसे लोग बहुत ही खतरनाक है । जो देश और समाज के लिए घातक है ।
जब सुधार की उम्मीद दूसरों से करें । स्वयं को शुद्ध खरा सोना समझें । तो समझ जाना, वे नफरती लोग हैं । जो तुमसे नफ़रत करते हैं । बनावटी लोग हैं । नफ़रत से जीते हैं । जिसमें प्रेम ज़रा सा भी नहीं है । ऐसे लोगों से दूर ही रहे ।
जब लोग मतलब निकालना सीख जाते हैं । तब स्वार्थ पूर्ति करना सीख जाते हैं । ऐसे लोग अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझते हैं । नफा-नुकसान देखकर व्यवहार करते हैं । फायदे में साथ और नुकसान में दूर हो जाते हैं ।
जब लोग सुविधा के आदि हो जाते हैं तो जिम्मेदारी को दूसरों पर थोप कर, अपनी आराम की जिंदगी जीते हैं । ऐसे लोग कामचोर होते हैं । जो किसी सीधे-सादे व्यक्ति का शोषण करते हैं ।
उपरोक्त बातों को कहने का मतलब है कि आप ऐसे लोगों से सावधान रहें । मेरा मानना है कि आजकल ऐसी दुनिया हमारे इर्द-गिर्द ही देखने को मिलती है ।
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