मन का भाव का अर्थ mind-sense-meaning

mind-sense-meaning- एक छोटा सा शरीर । जिसपर मन समाहित है । जिसकी  कल्पना, जिसकी सोच , एक ऐसी दुनिया का निर्माण करती है । जो सबसे बड़ी खुद की दुनिया को मानता है । जबकि मन की कल्पना इस अखंड ब्रह्माण्ड में नगण्य है । जिसकी कल्पना करना बहुत मुश्किल है । मन थक जाता है । वापस अपनी छोटी सी दुनिया में समाहित हो जाता है । अपनी ही रचना में खुश हो कर । पढ़िए कविता 👇👇

mind-sense-meaning-

 ब्रह्माण्ड के अनंत विस्तार में

जब मेरा मन विचरण करता है
घिरी-घिरी लौट कर
वापस आता है
थक हार कर
किन्हीं एक आकाशगंगा से
मन पार नहीं पाता है
एक सूर्य एक चंद्रमा
नौ ग्रहों की परिक्रमा
एक हरि -भरी धरती
जिसे मन समा ले जाता है 
खुद के भीतर

इन सबके बावजूद
अंतरिक्ष के अनंत विस्तार
छूट जाता है
मन समझ नहीं पाता है
आखिर मन अपनी सीमा
जान जाता है
इस अनन्त विस्तार में
अपना अस्तित्व पहचान जाता है
कितना छोटा है मन मेरा
शरीर मेरा
और खुद में पाता है
अपनी दुनिया बसाए फिर रहा है
कुछ अरमान लिए जी रहा है
इस तरह मेरा छोटा सा मन
अपनी पहचान लिए जी रहा है
मानो भटक रहा है
खुद के भीतर
बनाई दुनिया में  !!!!
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