meaning-of-politics
मत थक उन कायरों की बातों से
जयचंद जैसे देश के गद्दारों से
जिनका मकसद है केवल थकाना
दूसरों की लकीर काटके खुद को बडा़ बताना
हे ! वीर तुम डट जाओ
सख्या कितनी भी हो लड़ जाओ
अरे ! उसको भी एक दिन दिखा देंगे
नफरतों में जीने वालों को प्रेम सीखा देंगे
जो कभी बेहतर दिखा नहीं पाए
इंसानियत है क्या बता नहीं पाए
लोगों के बीच में अब आ गए हैं
उसकी सच्चाई क्या है सब जान गए हैं
meaning-of-politics
न वो कोई इंसान ऐसे
जान के अनजान है ऐसे
तुम्हें भी बनना होगा उसके जैसे
वर्ना बन जाओगे तुम उनके जैसे
बदल जाओगे जंगली जीवन जैसे
असभ्य और अशिक्षित जैसे
माना तुम किताबें बहुत पढ़ोगे
लेकिन संस्कार कहां से पाओगे
जो तुम्हें मिटाना चाहता
देश, संस्कृति मिटाना चाहता है
कब तक उनकी बातें सुनोगे
अपने दिल की भी तो सुनोगे
तुम्हें सीखा दिया है बहुत कुछ
कितने बदलें हो मत पूछ
आज अपनी संस्कृति से शर्मिन्दा हो
दुश्मनों के सामने तुम निंदा हो
जिसने अपनी बुराई छुपाई है
हमारी बुराई हमेशा दिखाईं है
जरा उनको भी तो समझों
क्या चाहता है ज़रा सोचो
हर तर्क के पीछे मतलब होता है
जो तर्क के पीछे दौड़ता उसे धोखा होता है
सियासत जिसने खुब जानी
करते हैं वे सदा मनमानी
विचार थोपना जिसका काम है
दोगलापन दिखाने में बड़ा नाम है
तुम हारते नहीं हो
तुम्हें हराया जाता है
कुछ मुर्खों का समूह
कुछ का कुछ दिखाया जाता है
एक एजेंडा है विदेशियों का
सेकुलर है नाममात्र का
ये कोई समझदारी नहीं
अपनो को छोड़
गैरों से रिश्तेदारी नहीं
तू खुद कितना महान है
इस बात से अनजान है
क्यों सुन लेते हो हर किसी का
ध्यान नहीं रखते देश, संस्कृति का
अगर इस बात को जान जाते
तो दुश्मन भी मान जाते !!!!
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