वैसे तो हर घर में एक कोना होता है home-corner

home-corner-what-hear-are-poetry-in-hindi


 वैसे तो हर घर में एक कोना होता है

जहाँ सिसकियाँ और रोना होता है

जितनी सिमटती है ये जिंदगी

एक ही बिस्तर में कोना होता है

क्यों दर्द के आँसू अकेले में बहे

सिसकियाँ और आहे भरकर रोना होता है

जिसकी बातें पूरी नहीं होती कभी

चुपके - चुपके नयन का रोना होता है

सुने अब कौन इस जमाने में मन की

मस्त रही दुनिया मिले तो बहाना होता है !!!!


वैसे तो कोना कोई कम का नहीं 

जब चाहें रो लेना लेकिन आराम नहीं 

जिसके हिस्से पड़ता है पूरा कमरा 

पूरा घर है किसी का कोना नहीं !!!!

-राजकपूर राजपूत''राज''

home-corner-what-hear-are-poetry-in-hindi.

Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ