moments-of-peace - यदि कोई अपनी खुशियां दूसरों को दिखाकर करते हैं तो निश्चित है । जिसे दिखा रहा है उसकी तारीफ करें या जलें । यदि प्रक्रिया साधारण रही तो उस प्रदर्शन करने वाले को कोई खुशी नहीं मिलेगी । यदि हाथ मल गए किसी की खुशियों से तो निश्चित है कि वह आदमी की लालसा प्रबल है । उसके जैसा बनने का । प्रतिस्पर्धा इन्हीं दोनों लोगों के बीच में ज्यादा होने की सम्भावना होती है । किसी प्रतिद्वंद्वी की तरह ।
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अगर आप सुकून की जिंदगी चाहते हैं तो
वर्तमान दिनचर्या में बदलाव करिए । अगर सुकून जिंदगी वर्तमान प्रयास के आगे है तो अपनी कोशिश को तेज़ करें । बेहतर होगा कि आप अपनी चाहत के करीब रहें ।
यदि आपको सुकून किसी और चीज़ या फिर जगह से मिलती है । जो पीछे छूट रहा है तो लौट आइए । किसी की प्रतिस्पर्धा में ज़बरदस्ती शामिल मत होइए । वर्ना पूरी जिंदगी पलट कर देखेंगे । जिसकी वजह से हमेशा वर्तमान खिन्नता में बीतेगी ।
सुकून एक मानसिक अवस्था है ।
जहां आपकी चाहतों को संरक्षण, सुरक्षित माहौल के साथ संतुष्टि का भाव होता है । पूर्णता महसूस होता है । प्रतिस्पर्धा, घृणा, द्वेष, दूर हो खुद से ही संतुष्ट होते हैं । आपकी चाहत आपके साथ होता है । कहीं इधर उधर जाने की जरूरत नहीं होती है । कामनाएं शेष नहीं रहती है ।
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