गरीबी रेखा poverty-life-on-article-in-Hindi

 गरीबी उतनी नही है जितनी दिखाई जाती है ।poverty-life-on-article-in-Hindi

या फिर बताई जाती है ।ज्यादातर लोग अपनी आदत से मजबूर है । जो परिवार के अन्य लोगो को गरीबी देते रहते हैं  । नशाखोरी, मुफ्तखोरी की जिसे आदत लगी है । वो पूरी जिंदगी गरीबी का रोना रोते है सरकार से शिकायत सदा रहती है । मेहनत से कुछ पाना नहीं चाहते हैं । सरकारी सुविधाओं को लेने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं ।

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जबकि गरीबी रेखा के अधिकांश आदमी 

सामर्थ्यवान है । जिसके पास प्रचूर मात्रा में सम्पत्ति है । फिर भी ऐसे दिखाते हैं खुद को वो बहुत बेबस है । जिसमें न तो स्वयं का अभिमान है और नहीं देश का ।

ध्यान रहे वास्तविक गरीबी के प्रति सदैव आदर है दिल में । सम्मान है जिसके प्रति ।


जहाँ जरूरत नही होती है ,

 वहाँ मतलब नही होता है । जहाँ सभी सक्षम है वहाँ प्रतिस्पर्धा होती है । गला काट । संवेदनाओ का कोई मोल नही है । क्या आजकल ऐसा ही है ? इसका मतलब गरीबी। कम हो गई ? इसका जवाब दुनिया को ढूंढना चाहिए । पूरी ईमानदारी से  ! !!

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