मुझे भी साथ ले चलो -कविता poetry-love-in-hindi

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मुझे भी साथ ले चलो 

भीड़ की दुनिया से दूर 

जहाँ मैं रहूँ जहाँ तुम रहो 

नफ़रत न हो दिलों में 

जहाँ बस प्यार ही प्यार हो 

चलो ऐसी दुनिया बसाते हैं 

खुद के लिए कुछ पल चुराते हैं 

आँखों से पढ़े दिल की बात 

आओ ! ऐसी समझ बनाते हैं 

महके अपना घर आँगन 

ऐसा फूल खिलाते हैं !!

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मैंने सुना नहीं था

भीड़ की बातें

जिसे कहा जाय एक साथ

किसी बात पर

राय बनें एक साथ

मगर मैंने देखा है 

उन व्यक्तिवादी को भी

एक होकर 

नैतिक शिक्षा देते हुए

जो समाज में चलन में है

सबको अपनाने के लिए

बाध्य करते हुए !!!

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- राजकपूर राजपूत



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