mind-of-the-ocean-on-ghazal-hindi
मन के सागर में डूबकी लगा
कहॉं भटक रहा है पता लगा
कौन बसा है तेरे मन मंदिर में
चैन छीन गया कोई पता लगा
न उलझ तू दुनिया की बातों में
झूठ, सच का पहले तू पता लगा
सफाई बहुत है उसके व्यवहार में
ज़रा उसके इरादे भी तो पता लगा
अब नश्तर है क्यों सबके हाथों में
कहॉं खो गया है प्यार पता लगा !!!
mind-of-the-ocean-on-ghazal-hindi
शब्द, बातें और वादे किए हुए
व्यवहार में न उतरे
कर्म में दिखाई न दें
रिश्तों का निम्न स्तर
दिखा देते हैं !!!
जो वादे
जो बातें
बड़ी आसानी से
निकल आते हैं
उसमें ढूंढने पर
प्रेम नहीं मिलते हैं !!!
इन्हें भी पढ़ें 👉 एक सिक्के के दो पहलू
0 टिप्पणियाँ