haze-on-poem-in-hindi
धुंध तेरी यादों की
छाई रहती है हरदम
जहॉं मैं ढूॅंढता हूॅं
तेरी तस्वीर
ख्यालों में
एक झलक पाने के लिए
तड़पता हूॅं हरदम
इसी धुंध के बीच में
कभी तेरी तस्वीर
दिखाई देती है
कभी ओझल हो जाती है
तेरी तस्वीर
मेरी यादों में !!!
haze-on-poem-in-hindi
अभी -अभी
गुज़री है
दुनिया
पार्क के बैंच पर मैं बैठा था
अपने ख्यालों में
और दुनिया गुज़र गई
अपने ख्यालों में
मैं सोच रहा था
कितने अलग हैं
हम एक-दूसरे से !!!
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