Samay ka pahiya
समय का पहिया घुमेगा
बिना प्रयास के ही
चाहे तुम निठल्ले रहो
चाहे घूस जाओ बिस्तर में
अकर्मण्यता के साथ
समय का पहिया घुमेगा
दिन रात ,, निरंतर
चाहे तुम पत्थर तोड़ो
चाहे तुम दिलो को जोड़ो
समय का पहिया घुमेगा
चाहे तुम ताकते रहो सूरज को
चाहे झांकते रहो चाँद को
चला ही जाएगा
क्षितिज के उस पार
विश्राम करने
अपने गंतव्य में
तब भी समय का पहिया घुमेगा
शरीर के ऊतको को तोड़ेगा
आदमी एक दिन मरेगा
चाहे कर्म करो या न करो
और सूरज एक नई उम्मीदों के साथ
एक नई सुबह के साथ
फिर निकल आएगा
समय के साथ !!!!
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