वो पुराने दिन वो सुहाने दिन ghazal-ishq-ki-hindi-me

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 वो पुराने दिन,  वो सुहाने दिन 

ले गया बचपन ये जवानी के दिन 

न दिल में सुकून है न मन में चैन 

क्या दौर आया है उदासी के दिन 

किसी के बातों से अपनापन नहीं मिलता 

कहाँ खो गए वो नादानी के दिन !!!

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वो पुराने दिन वो सुहाने दिन

मस्ती की यारी और सुहाने दिन 

कौन था राजा कौन था रंग

बेपरवाह जीना वो सुहाने दिन

कौन जाने कल क्या होगा

है आज का दिन वो सुहाने दिन

धूल और मिट्टी में सने हुए हाथ

न चिंता न फिक्र वो सुहाने दिन

मां की झड़ी, पिता के फटकार

भूल जाते थे वो सुहाने दिन

जवानी क्या आई लौट कर न आएं

मस्ती के दिन वो सुहाने दिन !!!


कौन समझा पाया था

कब समझ पाया था

जब इश्क हुआ

दुनिया छूटी जब इश्क पाया था

ख्याल उनका आराम मुझे

जीया जा रहा था

पाने का ख्याल आया था !!!


समझना चाहिए

आज न वो उत्साह है

न उमंग है

न मस्ती है

दोस्तों की वो न बस्ती है

कहां भटक गए हैं हम

कैसे बदलाव ले आए हम

आज हम सब अकेले हो गए हैं !!!

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