poetry-life-on
देखना चाहता हूं -
मैं देखना चाहूॅं
तुझे बाहों में
भरना चाहूॅं
मेरी प्यास तक
तुझे पीना चाहूॅं
मिले चाहे सुख-दुख
तेरे साथ जीना चाहूॅं
उदासी भरी जिंदगी में
हर रंग भरना चाहूॅं
तुम आओ मेरी जिंदगी
तुझे हर शय में
देखना चाहूॅं !!!!
poetry-life-on
मैं देखना चाहूं
किसी दिन
उदास हो कर
मुझे मनाता कौन है
प्यार जताता कौन है
और मैं पाता हूं
खुद को अकेला
किसी को फुर्सत नहीं है
मोहब्बत नहीं है
जो मनाएं मुझे
रूठा हूं तो
मेरी समस्या
यहां हर आदमी
खुद के भार से
लदा हुआ है
खुश हो जाओ
यदि तुम किसी के लायक़ हो
मगर रूठों मत !!!!!
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