प्रेम सुरक्षित घेरा चाहता है

shayari-on-chahat- आदमी उसी के साथ रहना पसंद करते हैं । जहां उसे लगे कि मैं सुरक्षित हूं । चाहे वहां उसे तकलीफ मिले या फिर प्रेम । उसके हृदय, मन उसके बंधन में पूरी तरह से बंधे हुए होते हैं । जहां से स्वयं निकलना नहीं चाहता है । 

कविता हिन्दी में 👇👇

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 प्रेम सुरक्षित घेरा चाहता है

जिसे मिले है उसे ही चाहता है

बच्चा रोता बिलखता है मॉं के मार से

फिर भी रो- रोकर मॉं को चाहता है

वो लिपटकर रोता है बहुत

मां छोड़ आखिर कहां जाता है  !!!


चाहत पर कविता 

मेरे इर्द गिर्द

एक घेरा है

तेरी यादों के

तेरे ख्यालों के

बातचीत होती है

हरदम

अकेले में

भीड़ में

और मैं कभी उदास नहीं होता

तेरी छवि को पाकर

तुझे अपनी कल्पनाओं में लाकर

इस तरह मन बहलाता हूं

तेरे प्यार का

सुरक्षित घेरा बनाता हूं 

जहां मैं बसता हूं !!!


तेरे वादों से ज्यादा

तेरे निभाने पे भरोसा

तूने दिखाया होगा

तूने निभाया होगा

तो फिर मेरा प्रेम

बह पड़ेगा

उस ओर

जहां मुझे थाम लेगा

तेरा प्यार !!!!

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