ghazal on love_meregeet
यार मैं तेरे सहारे हूं
मैं जहां भी हूं
कभी उदास हुआ नहीं
जब से तेरे ख्यालों में हूं
इस जहां में नफरतें हैं
मगर मैं तो तेरे प्यार में हूं
अब फुर्सत नहीं है मुझे
इस क़दर मैं चाहत में हूं !!!
ghazal on love_meregeet
सूरज खड़ा रहा
धरती घुमती रही
उनके इर्द-गिर्द
अपनी धूरी पर
दिन और रात में
बदल कर
पुनः
सूरज के सामने
आ खड़ी हुई !!!!
यार मैं तेरे सहारे हूं
इस उम्मीद पे
तुम समझ जाओगे
एक दिन
मेरे प्यार को
और अपना लोगे
मुझे
सहर्ष अपनी बाहों में भर कर
इसलिए मैंने दुनिया की उम्मीद छोड़ी है !!!!
तेरे उस फैसले का इंतजार है
जिसमें नफ़रत या फिर प्यार है
मैं चला जाऊंगा दूर बहुत दूर
बिन शिकायत तेरी यादों का संसार है
मैं आऊंगा यदि तुने पुकारा मुझे
तेरी आंखों में यदि प्यार है !!!!
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