जहॉं मुझे जाना भी था ghazal on love

ghazal on love

 एक रास्ता ऐसा भी था

जहॉं मुझे जाना भी था

मेरी चाहत खींच लाएगी

आखिर तुझे पाना भी था

उम्रभर तेरी यादों के सहारे

ये सच है मुझे जीना भी था

लोग पूछते हैं मेरी खुशी का राज

कई बार मैंने झूठ बोला भी था !!!!

ghazal on love

उम्र गुजरती गई 

साथ छूटते गए

किसी की नाराज़गी

किसी का मतलब

कोई अपने स्वार्थ में अड़े रहे

और हम दूर खड़े रहे

रास्ते छूट गए

कुछ रिश्ते रूठ गए

सीखा दिया समय

कहां मुझे जाना है

कौन है अपना

कौन है पराया

उम्र के साथ जाना है

बारीक सी चालाकी उसकी

मन में संशय लाया

मन के भाव उसके

सब समझ में आया

उम्र और समय के साथ

सब रुठ गए

उम्र गुजरती गई 

साथ छूटते गए !!!!!

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